महाविद्यालय में प्रवेश का समस्त कार्य उत्तर प्रदेश लखनऊ शिक्षा निदेशक (उच्च शिक्षा) उत्तर प्रदेश, प्रयागराज तथा महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली एवं महाविद्यालय प्रशासन द्वारा नियमों के अन्तर्गत विश्वविद्यालय द्वारा प्रत्येक कक्षा हेतु निर्धारित सीट्स की संख्या के आधार पर होगी।
प्राचार्य को किसी भी प्रवेशार्थी के प्रवेश को बिना कारण रोकने/निरस्त करने का पूर्ण अधिकार है।
प्रवेश समिति की संस्तुति के आधार पर समस्त प्रवेश स्वीकृत/अस्वीकृत करने का पूर्ण अधिकार प्राचार्य का होगा जो अन्तिम व सर्वमान्य होगा।
एक बार स्नातक उपाधि प्राप्त करने के उपरान्त पुनः किसी अन्य संकायान्र्गात स्नातक उपाधि प्राप्त करने हेतु प्रवेशार्थी अर्ह नहीं होगा।
जिस प्रवेशार्थी ने किसी भी स्नातक पाठ्यक्रम के किसी भी वर्ष की परीक्षा व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में उत्तीर्ण की है उसे उसी स्नातक पाठ्यक्रम की अगली कक्षा में नियमित प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
एक विषय से स्नातक परीक्षा में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थी को संस्थागत छात्र के रूप में प्रवेश नहीं दिया जायेगा किन्तु प्रयोगात्मक विषय वाले छात्र/छात्राओं को प्राचार्य की अनुमति से कक्षा में बैठने की अनुमति होगी।
जिस प्रवेशार्थी छात्र/छात्रा ने शैक्षिक सत्र में उपस्थिति पूर्ण कर ली हो किन्तु परीक्षा में सम्मिलित न हुआ हो अथवा विश्वविद्यालय परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया हो उसे उसी कक्षा में नियमित प्रवेश नहीं दिया जायेगा।
किसी छात्र-छात्रा को विश्वविद्यालय की किसी भी परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए तब तक अनुमति नही दी जायेगी जब त कवह अपनी पूर्व वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर लेता है महाविद्यालय द्वारा अस्थायी/अन्तिम रूप में प्रवेश प्राप्त छात्र/छात्राओं को परीक्षा आवेदन पत्र पूर्व कक्षा के परीक्षा परिणाम को सत्यापित किये बिना अग्रसारित नहीं किया जायेगा।
जिन्होंने जामिया-ई-उर्दू, अलीगढ़ से अबीब कामिल परीक्षा उत्तीर्ण की है वे इस विश्वविद्यालय के किसी भी अध्ययन/पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु अर्ह नहीं होंगे।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिसर, संस्कृत भवन लखनऊ द्वारा संचालित उत्तर मध्यमा परीक्षा को इण्टर के समकक्ष मानते हुए स्नातक कक्षा में प्रवेश हेतु अर्ह माना गया है।
जिन्होंने सम्पूणानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से परीक्षा उत्तीर्ण की है, वे बी0ए0 में प्रवेश करने के लिए अर्ह होंगे।
आरक्षण की सुविधा उत्तर प्रदेश शासन द्वारा नियमानुसार देय होगी।
नियमानुसार आरक्षण की सुुुविधा लेने वाले प्रवेशार्थी को समक्ष अधिकारी का प्रमाण संलग्न करना अनिवार्य होगा।
दिव्यांग प्रवेशार्थीयों के 03 प्रतिशत आरक्षण का समायोजन उनसे सम्बन्धित वर्ग की आरक्षण सीमा के अन्तर्गत होगा दिव्यांगता के लिए जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी का प्रमाण पत्र ही मान्य होगा।
स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षाओं में प्रवेश श्रेष्ठता अर्थात् योग्यता क्रमांक के आधार पर ही किया जायेगा छात्र/छात्रा का प्रवेश उसके द्वारा प्रवेश शुल्क जमा करने पर मान्य होगा।
स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित प्रमाण-पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा
अ. स्थानान्तरण प्रमाण पत्र (टी0सी0) की मूल प्रति।
ब. अन्तिम शिक्षण संस्थान द्वारा निर्गत चरित्र प्रमाण पत्र की मूल प्रति।
स. हाईस्कूल के प्रमाण पत्र की प्रमाणित छाया प्रति।
द. हाईस्कूल तथा इण्टर की परीक्षाओं के अंक पत्रों की प्रमाणित छाया प्रतियाॅ।
य. इण्टर की परीक्षा व्यक्तिगत परीक्षाओं के रूप में उत्तीर्ण परीक्षार्थी को किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रदत्त एक अतिरिक्त मूल चरित्र प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा।
इण्टर की परीक्षा उत्तीर्ण करने और स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु आवेदन करने के मध्य तीन वर्ष से अधिक वर्ष का अन्तराल (गैप) होने पर प्रवेशार्थी को इस आशय का नोटरी से हल्फनामा की ’’अन्तराल की अवधि में कहीं शिक्षा प्राप्त नहीं की है’’ (हल्फनामा प्राचार्य/कुलसचिव, एम0जे0पी0 रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली को सम्बोधित होना चाहिए) संलग्न करना होगा।
स्नातक द्वितीय या तृतीय वर्ष की कक्षाओं में प्रवेश हेतु ऐसे प्रवेशार्थी जिन्होंने गत वर्ष की परीक्षा इस महाविद्यालय से उत्तीर्ण की है उन्होंने अपने आवेदन पत्र के साथ केवल पिछली उत्तीर्ण परीक्षा के अंक पत्र की प्रमाणित छाया प्रति संलग्न करनी होगी।
अपूर्ण आवेदन पत्रों पर विचार नहीं किया जायेगा।
प्रवेश आवेदन पत्र निर्धारित/वांछित संलग्नों के साथ निर्धारित तिथि तक महाविद्यालय कार्यालय में जमा करना होगा।
योग्यता क्रम निर्धारित एन.सी.सी., बी.सी. प्रमाण पत्र धारी महाविद्यालय प्राध्यापक/शिक्षणेत्तर/कर्मचारी वार्ड, राष्ट्रीय प्रतियोगिता रोवर्स-रेन्जर्स के प्रमाण पत्र धार, राष्ट्रीय अथवा अन्य विश्वविद्यालय टीम के खिलाड़ी को विश्वविद्यालय के नियामानुसार वरीयता/श्रेष्ठता (भारांक) का लाभ देय होगा।
किसी भी दशा में प्रवेशार्थी को भारांक 10 से अधिक नहीं दिये जायेंगे।
बी.काॅम. प्रथम वर्ष में प्रवेश सामान्यतः उन प्रवेशार्थीयों को दिये जायेंगे, जिन्होंने इण्टर अथवा समतुल्य परीक्षा काॅमर्स से उत्तीर्ण की हो। ऐसे प्रवेशार्थी जिन्होंने इण्टर परीक्षा विज्ञान, वाणिज्य या कृषि से उत्तीर्ण की है और वे बी.ए. प्रथम वर्ष में प्रवेश चाहते हैं। उनके इण्टर के प्राप्तांक को प्रतिशत अंक घटाकर योग्यता क्रमांक तैयार किया जायेगा तथा निर्धारित सीमा के अन्तर्गत ही प्रवेश अनुमन्य किये जायेंगे।
.इण्टर परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरान्त अन्तराल वर्ष के लिये विश्वविद्यालय के अनुसार योग्यता निर्धारण हेतु अंकों में कटौती की जायेगी।
किसी संस्था के सेवारत अथवा प्रशिक्षण पाने वाले प्रवेशार्थी को महाविद्यालय में प्रवेश नहीं दिया जायेगा।
प्रवेश के समय किसी प्रकार की अनुशासन हीनता करने अथवा करवाने वाले प्रवेशार्थी को प्रवेश से वंछित रखा जायेगा।
प्रयोगात्मक विषयों में छात्र/छात्रा की असावधानीवश अथवा प्राकृतिक कारणों से कोई दुर्घटना होने पर महाविद्यालय की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी और महाविद्यालय किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।
छात्र/छात्रा की असावधानी के कारण अथवा 75 प्रतिशत कम कक्षा में उपस्थिति के कारण यदि विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें परीक्षा में बैठने से वंछित कर दिया जाता है अथवा परीक्षा परिणाम रोका जाता है तो इसके लिए छात्र/छात्रा स्वयं उत्तरदायी होंगे।
शासन के नियमानुसार 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति होने पर छात्र/छात्रा को विश्वविद्यालय परीक्षा में सम्मिलित होने वंचित कर दिया जायेगा।
अनुशासनहीनता करने पर छात्र/छात्रा के निष्कासन को पूर्ण अधिकार महाविद्यालय शास्ता मण्डल एवं महाविद्यालय प्रशासन को होगा।
शिक्षण सत्र के दौरान छात्र/छात्रा को अनुशासनहीनता में लिप्त पाये जाने पर उन्हें महाविद्यालय से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया जायेगा।
साईकिल, स्कूटर आदि की चोरी होने पर महाविद्यालय द्वारा कोई क्षतिपूर्ति नहीं की जायेगी।
महाविद्यालय की सम्पत्ति शासकीय सम्पत्ति है अतः महाविद्यालय की सम्पत्ति को नष्ट करने वाले छात्र/छात्राओं के विरूद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
नैतिक आचरण के दोषी छात्र/छात्राओं को महाविद्यालय द्वारा किसी प्रकार की सुविधा नहीं प्रदान की जायेगी और प्राप्त सुविधा को तत्काल समाप्त कर अग्रेतर कार्यवाही की जायेगी।
अनुचित साधन का प्रयोग करते पाये गये परीक्षार्थी को प्रवेश से वंचित रखा जायेगा।
माविद्यालय परिसर में विद्यार्थी द्वारा अस्त्र लाना दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है अतः उसके विरूद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
प्रवेश के उपरान्त महाविद्यालय के चीफ प्राॅक्टर (मुख्य शास्ता) द्वारा निर्गत परिचय पत्र प्रत्येक छात्र/छात्रा को महाविद्यालय में लेकर आना अनिवार्य है।
पुस्तकालय से पुस्तकें निर्गत कराने हेतु पुस्तकालय कार्ड बनवाना आवश्यक है, जिसके लिए प्रवेश की रसीद एवं परिचय पत्र एक साथ प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है।
महाविद्यालय के पुस्तकालय से पुस्तक जिस रूप में प्राप्त की जायेगी, उन्हें उसी रूप में (अर्थात् बिना कटी-फटी) वापस करनी होगी, अन्यथा पुस्तक का पूरा मूल्य जमा करना होगा।
महाविद्यालय में शिक्षणेत्तर क्रियाकलापों के दौरान या किसी प्राकृतिक आपदा से किसी छात्र/छात्रा के चोट लगती है या आकस्मिक दुर्घटना होती है तो किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति के लिए महाविद्यालय उत्तरदायी नहीं होगा।
अर्ह छात्र/छात्राओं को प्रवेश आवदेन पत्र के साथ छात्रवृत्ति आवेदन पत्र एवं शुल्क प्रतिपूर्ति आवेदन पत्र पूर्ण रूप में भरकर दो प्रतियों में समस्त संलग्नकों के साथ महाविद्यालय कार्यालय में जमा करना अनिवार्य है।
प्रवेश हेतु योग्यता सूची के नाम आने पर प्रवेशार्थी को साक्षात्कार के समय दो अतिरिक्त पासपोर्ट आकार का फोटो लाना होगा।
प्रवेश शुल्क आदि से सम्बन्धित एवं प्रवेश सम्बन्धी समस्त सूचनाऐं महाविद्यालय के सूचनापट पर समय-समय पर चस्पा कर दी जायेगी।
कियी प्रकार का विवाद होने पर न्यायालय क्षेत्र माननीय उच्च न्यायालय, प्रयागराज होगा।